ओना कोना मंदिर (Ona Kona Temple): छत्तीसगढ़ का छुपा हुआ रत्न जहां धर्म और प्रकृति का अद्भुत संगम है :-
छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के गुरूर विकासखंड में स्थित ओना कोना मंदिर अब एक उभरता हुआ पर्यटन और आध्यात्मिक केंद्र बनता जा रहा है। यह मंदिर ना सिर्फ़ धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि इसकी प्राकृतिक सुंदरता, स्थानिक कहानियाँ, और स्थानीय संस्कृति इसे एक अनोखा और अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करती हैं
ओना कोना मंदिर का इतिहास और स्थापत्य कला
ओना कोना मंदिर का निर्माण धमतरी जिले के व्यापारी श्री तीरथराज जी फुटान द्वारा 21वीं सदी में शुरू किया गया था। इस मंदिर का डिजाइन और स्थापत्य महाराष्ट्र के प्रसिद्ध त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर से प्रेरित है। निर्माण को शुरू हुए करीब 17 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन यह मंदिर अभी भी अधूरा है — और यही अधूरापन इसे एक विशिष्ट सौंदर्य प्रदान करता है।
मंदिर के निकट ही एक मजार भी स्थित है, जिसे सूफी संत बाबा फरीद की याद में बनवाया गया
है। स्थानीय लोगों के अनुसार, बाबा फरीद ने यहाँ तपस्या की थी, और उनके तपोबल के प्रमाण स्वरूप
आज भी यहाँ पर एक धूनी प्रज्वलित रहती है।
ओना कोना कहाँ स्थित है?
जिला: बालोद
विकासखंड: गुरूर
ग्राम पंचायत: कर्राझर
नदी: महानदी
डैम: गंगरेल डैम (डुबान क्षेत्र)
दूरी: धमतरी से लगभग 30 किलोमीटर
गंगरेल डैम से लगभग 10-16 किलोमीटर
रायपुर से लगभग 90 किलोमीटर
यह गाँव ओड़माडीह (ONAKONA) एक पहाड़ी के नीचे बसा है, और एक ओर से गंगरेल डैम का अंतिम छोर जो विशाल जलाशय का रूप लिए इसे घेरे हुए है। यहां जाने का रास्ता थोड़ा उबड़-खाबड़ है,थोड़ा भटकावदार, थोड़ा भूल भुलैया जैसी है लेकिन जैसे ही आप गाँव में प्रवेश करते हैं, मानो प्रकृति की गोद
में बसी इस जगह का सौंदर्य आपकी थकान दूर कर देता है।
कैसे पहुँचे ओना कोना मंदिर?
राष्ट्रीय राजमार्ग NH-30 पर धमतरी से 22 किलोमीटर दक्षिण की ओर चलें।
पहाड़ जैसा एक जगह आयेगा “राजा राव पठार“ जहां आदिवासी संस्कृति का वीर मेला लगता है, वहीं पर यात्री प्रतीक्षालय बना हुआ हैं वहीं से बाएं ओर मुड़ें और रास्ता पकड़ कर चले, कोई भी टर्न लिए बगैर सीधा रोड पकड़ कर चलें। 1-2 Km चल कर हल्का बाएं घूमे, फिर लगभग 1.5-2 Km और आगे चलने पर ओनाकोना जाने का मार्ग दिखाई देगा, जहां से फिर बाएं मुड़ जाएं।
यहाँ से ओना कोना गाँव लगभग 4 किलोमीटर दूर है, और यह रोड छोटी मोटी मोड़ से होकर गुजरती है, इसलिए घबराएं नहीं चलते जाएं।
क्या करें ओना कोना में? (Activities)
1️. मंदिर दर्शन और आध्यात्मिक अनुभव
यह शिव मंदिर त्र्यंबकेश्वर मंदिर की तर्ज पर बना है, ताकि वे लोग जो नासिक जाकर दर्शन नहीं कर
सकते, उन्हें यहीं पर वही अनुभव मिल सके।
2️ बोटिंग (Boating on Gangrel Reservoir)
स्थानीय मछुआरों द्वारा ₹50 प्रति व्यक्ति के हिसाब से बोटिंग कराया जाता है, जो की सचमे बहुत मजेदार अनुभव होता है, मै स्वयं जब वहां गया था, मैने खुद से नाव चलाया था, क्योंकि नाव वाले दादा जी बूढ़े थे, और निषाद थे।
हां यदि मौसम साफ और जलस्तर सामान्य, हवाएं अनुकूल हो तो वे आपको लंबी दूरी तय कराते हैं, यहां तक गंगरेल जलाशय के टापू (आइलैंड) तक भी ले जा सकते हैं, बशर्ते मौसम साफ और अनुकूल हो।
3️. ट्रेकिंग और हाइकिंग मंदिर के पास की पहाड़ियों में प्राकृतिक ट्रेकिंग ट्रेल्स मौजूद हैं। यह स्थान ट्रेकिंग ग्रुप्स और फोटोग्राफरों
के लिए आदर्श है।
4️. पिकनिक और कैम्पिंग
यहाँ का शांत वातावरण और हरियाली इस जगह को साप्ताहिक छुट्टियों के लिए उत्तम पिकनिक स्पॉट
बनाता है। परिवार या दोस्तों के साथ यहां एक दिन का आउटिंग प्लान बेहद यादगार हो सकता है।
5. Pre Wedding Shoot(प्री वेडिंग शूटिंग)
खासकर आजकल जो pre wedding शूटिंग शौक रखने वाले जोड़ियां हैं, अधिकतर यही आते हैं, क्योंकि जगह है देशी वाली,पर फोटो, लोकेशन, और प्राकृतिक सौंदर्य की फीलिंग विदेशों वाली। आप यहां दिवाली के बाद आकर देखिए, प्री वेडिंग कपल्स आपको जहां यहां दिखाई देंगे। क्योंकि कम खर्चे में खूब चर्चे वाली, फोटोज और बात आपको ओनाकोना में ही मिलने वाली है।
भूगोल और जलवायु
भूगोल: पहाड़ी क्षेत्र,गंगरेल जलाशय के अंतिम छोर से घिरा हुआ
मौसम: वर्षभर ठंडक का अहसास होता है, आद्रता महसूस होती है, क्योंकि हवाएं गंगरेल की नमी लेकर आती हैं।
मानसून में हरियाली चरम पर होती है, क्योंकि जंगली इलाका है। प्राकृतिक सौंदर्य चरम पर होती है।
सर्दियों में किसी हिल स्टेशन जैसा अनुभव देता है यह स्थान,क्योंकि ठंड का मौसम और महानदी की पानी को छू कर आती हुई हवाएं, आपको हिल स्टेशन वाली फील देती हैं। हिल स्टेशन का मजा लेना है तो सर्दियों में आईए।
यहाँ का वातावरण 12 महीने नमीयुक्त रहता है और चिड़ियों की चहचहाहट, जल की कल-कल ध्वनि, और शांतिपूर्ण हवा इसे ध्यान और मानसिक शांति के लिए उपयुक्त बनाते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
ओना कोना मंदिर, ना केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह एक प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर, शांत, और आत्मिक शांति देने वाला स्थल है। यह जगह आने वाले समय में छत्तीसगढ़ के सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक बन सकती है, क्योंकि उपयुक्त जगह है, उच्च स्तर के पर्यटन स्थल में विकसित करने के लिए संपूर्ण परिवेश है। चाहे आप आध्यात्मिक यात्रा पर हों, या किसी प्राकृतिक सैर की तलाश में
— ओना कोना मंदिर हर लिहाज से एक परिपूर्ण गंतव्य है। आकर तो देखिए जनाब – खासकर सावन सोमवारी वाले शिव भक्त,जिन्हें त्रयंबकेश्वर महादेव के दर्शन करने हैं।
ओना कोना मंदिर के आसपास घूमने लायक प्रमुख स्थल
1. विंध्यवासिनी बिलई माता ( BILAI MATA MANDIR DHAMTARI)
छत्तीसगढ़ की शक्तिपीठ माना जाता है, विशेष रूप से सभी माताओं की मंदिरों में श्रेष्ठतम स्थलों में गिनती होती है, साल भर भीड़ होती है, क्योंकि धर्म की नगरी धमतरी शहर में बीचों बीच माता का मंदिर है , नवरात्रि में भीड़ का जनसैलाब।
2. रूद्रेश्वर मंदिर & रुद्री डैम (Rudri Temple & Dam)
दूरी: धमतरी से लगभग 5 किमी की दूरी पर
यह बांध धमतरी से अंगारमोति मंदिर और गंगरेल बांध जाने के रस्ते पर मौजूद है, जिसकी ऐतिहासिक, स्थानीय, व्यावसायिक, पर्यटन के रूप में विशेष महत्व हैं। रुद्री पिकअप वियर महानदी पर बना एक सुंदर जलाशय है।
धार्मिक स्थल रुद्रेश्वर महादेव का मंदिर और शांत नदी का किनारा, जिसके चर्चे हर एक शिव भक्त के मुंह पर होती है, विश्वास न हो तो यहां के शिव भक्तों का व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, और फेसबुक स्टेट्स देख लो— यह स्थान छत्तीसगढ़ के स्थानीय लोगों में अत्यंत लोकप्रिय और प्रसिद्ध है ।
विस्तृत जानकारी के लिए हमारा यह ब्लॉग पढ़े आपको अवश्य पसंद आयेगा – https://suchnamitra.com/2025/07/rudri-dam-dhamtari-tourism-chhattisgarh-ki-shan.html
3. गंगरेल डैम
(Gangrel Dam), और अंगारमोती माता मंदिर
दूरी: धमतरी NH 30 में अम्बेडकर चौक से रुद्री होते हुए लगभग 10-13 किमी की दूरी पर छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा बांध, शानदार सनसेट पॉइंट, टूरिस्ट कॉटेज, जलाशय के आसपास सुंदर गेस्ट हाउस बोटिंग और जल क्रीड़ा के लिए प्रसिद्ध है।
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4. मुरूमसिल्ली डैम (Murumsilli Dam)
दूरी: लगभग 35-40 किमी
धमतरी से नगरी सिहावा रोड पर 14-19 किमी की दूरी पर स्थित बनरौद गांव से दाईं ओर मुड़ पर 5 से 7 किमी की दूरी पर स्थित, मुरूम सिल्ली जलाशय, एशिया का इकलौता सायफन बांध।
एक खूबसूरत डैम और पर्यावरणीय स्थल, पिकनिक और फोटोग्राफी के लिए परफेक्ट।
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FAQs: ओना कोना मंदिर से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
Q1: ओना कोना मंदिर कहाँ स्थित है?
उत्तर: ओना कोना मंदिर छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के गुरूर विकासखंड में NH 30 पर राजा
राव पठार से 8 किमी की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर गंगरेल डैम के अंतिम छोर पर, महानदी नदी के तट पर बना है।
Q2: ओना कोना मंदिर किसने बनवाया?
उत्तर: इस मंदिर का निर्माण धमतरी के व्यापारी श्री तीरथराज जी फुटान द्वारा कराया जा रहा है। मंदिर का डिज़ाइन नासिक के त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर से प्रेरित है।
Q3: ओना कोना मंदिर का धार्मिक महत्व क्या है?
उत्तर: यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है स्थानीय मान्यता है कि यहाँ पर आकर दर्शन करने से मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। मंदिर के पास ही एक मजार और श्रीराम मंदिर भी स्थित हैं, जिससे यह स्थल धर्म-संप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक बनता है।
Q4: ओना कोना मंदिर कैसे पहुँचें?
उत्तर: धमतरी से 30 किमी की दूरी पर।
गंगरेल डैम के अंदरूनी जंगलों से विश्रामपुर होते हुए 10-16 किमी को दूरी पर।
NH-30 पर “राजा राव पठार” के पास यात्री प्रतीक्षालय से बाएं मुड़ें और 6 से 8 किमी बाद मंदिर पहुँचें।
Q5: क्या ओना कोना में बोटिंग की सुविधा है?
उत्तर: हाँ, यहाँ स्थानीय मछुआरों द्वारा बोटिंग कराई जाती है। किराया लगभग ₹50 प्रति व्यक्ति होता है। अगर संभव हो तो वे आपको गंगरेल जलाशय के टापुओं तक भी ले जाते हैं।
Q6: क्या यहाँ ट्रेकिंग की सुविधा है?
उत्तर: जी हाँ, मंदिर के चारों ओर पहाड़ी इलाका होने के कारण यह ट्रेकिंग और हाइकिंग के
लिए भी उपयुक्त है।
Q7: ओना कोना मंदिर किस मौसम में घूमना सबसे अच्छा होता है?
उत्तर: मानसून और सर्दियों के मौसम में यह स्थान बेहद खूबसूरत हो जाता है। हरियाली, ठंडी हवाएं और शांत वातावरण इसे एक आदर्श पर्यटन स्थल बनाते हैं।
How to reach Onakona
1. रायपुर
(Raipur) से ओना कोना मंदिर कैसे पहुँचें?
कुल दूरी: लगभग
90 किमी
समय: 2.5 – 3 घंटे (सड़क मार्ग
से)
रूट: रायपुर ➝ मंदिरहसौद ➝ अभनपुर ➝ कुरूद ➝ धमतरी ➝ राजा राव पठार ➝ ओना कोना
कैसे जाएँ:
- अपनी कार / बाइक से जाएँ या रायपुर से धमतरी के लिए बस लें।
- धमतरी से आगे ऊपर दिए गए निर्देशों के अनुसार ओना कोना जाएँ।
2. दुर्ग (Durg) भिलाई (Bhilai) से ओना कोना मंदिर कैसे पहुँचें?
कुल दूरी: लगभग
105 किमी
समय: 3.5 – 4 घंटे
रूट: दुर्ग ➝ भिलाई ➝ गुंडरदेही ➝ बालोद ➝ गुरूर ➝पुरूर ➝ राजा राव पठार ➝ ओना कोना
कैसे जाएँ:
- दुर्ग से बालोद के लिए बस या ट्रेन विकल्प मिलते हैं।
- बालोद से कार या बाइक पर ओना कोना मंदिर की ओर बढ़ें।
3. बालोद (Balod) से ओना कोना मंदिर कैसे पहुँचें?
कुल दूरी: लगभग
40–45 किमी
समय: 1 – 1.5 घंटे
रूट: बालोद ➝गुरूर ➝ पुरूर ➝जगतारा ➝ राजा राव पठार ➝ ओना कोना
कैसे जाएँ:
- बालोद से गुरूर तक सड़क अच्छी है। गुरूर से राजा राव पठार जाएँ, वहाँ से बाएं मुड़ें और ओना कोना गाँव तक जाएँ।
4. धमतरी
(Dhamtari) से ओना कोना मंदिर कैसे पहुँचें?
कुल दूरी: लगभग
30 किमी
समय: 45 मिनट – 1 घंटा
रूट: धमतरी ➝ पुरूर➝ जगतरा➝ राजा राव पठार ➝ ओना कोना
नोट्स: यह क्षेत्र घोर जंगल क्षेत्र में आता है, यहां कुछ दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं, जंगली जानवर का खतरा हमेशा बना रहता है, अभी कुछ दिन पहले हाथी का दहशत था, इसलिए हमेशा सतर्क और चौकन्ना रहिए।
- राजा राव पठार से ओना कोना गाँव की दूरी लगभग 8 किमी है।
- गाँव तक का अंतिम रास्ता थोड़ा उबड़-खाबड़ है, लेकिन बाइक/कार से आसानी से पहुँचा जा सकता है।
- Google
Maps में “OnaKona Mandir” या “Odhamadih, Balod” सर्च
करें।
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