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पुरखौती मुक्तांगन: छत्तीसगढ़ की जीवंत संस्कृति का दिलचस्प सफर

Posted on September 11, 2025September 11, 2025 By NITU SINGH NISHAD No Comments on पुरखौती मुक्तांगन: छत्तीसगढ़ की जीवंत संस्कृति का दिलचस्प सफर
पुरखौती मुक्तांगन (9)

पुरखौती मुक्तांगन, रायपुर में छत्तीसगढ़ की आदिवासी संस्कृति और लोक कला का शानदार खुला संग्रहालय। जानिए इसकी ऐतिहासिक यात्रा, खासियत, और क्या है इसका वर्तमान हाल।

Auhtor – Nitu Singh Nishad

पुरखौती मुक्तांगन — एक अनोखा सांस्कृतिक कैनवास

Table of Contents

  • पुरखौती मुक्तांगन — एक अनोखा सांस्कृतिक कैनवास
    • पुरखौती मुक्तांगन कैसे पहुंचे?
      • 🔍 पुरखौती मुक्तांगन के पास घूमने लायक 5 प्रमुख पर्यटन स्थल (Nearest Tourist Places)
      • ❓ पुरखौती मुक्तांगन FAQs (Frequently Asked Questions)

क्या आप जानते हैं कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर को एक ही जगह देखना संभव है? जी हाँ! रायपुर के नजदीक बसे पुरखौती मुक्तांगन में छत्तीसगढ़ की समृद्ध और रंगीन आदिवासी संस्कृति को बड़े ही खूबसूरती से प्रस्तुत किया गया है।

पुरखौती मुक्तांगन (8)

यह कोई आम पार्क नहीं, बल्कि एक जीवंत संग्रहालय है जहाँ आप आदिवासी जीवनशैली, लोक कला, परंपराओं और परिदृश्यों को करीब से महसूस कर सकते हैं।

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का सपना, जो हुआ हकीकत

नवंबर 2006 में भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने इसका उद्घाटन किया था। तब से ये जगह पर्यटकों और संस्कृति प्रेमियों के लिए एक मस्ट-विजिट डेस्टिनेशन बन गई है।

पुरखौती मुक्तांगन (7)

पुरखौती मुक्तांगन का नाम “पुरखौती” इसलिए रखा गया क्योंकि यह उद्यान हमारे पूर्वजों की विरासत और संस्कृति को जीवित रखता है। यह उद्यान छत्तीसगढ़ की आदिवासी सभ्यता का एक सजीव चित्र है, जहां परंपरागत आदिवासी घर, उनकी कलाकृतियां, नृत्य-गायन के मॉडल, और अनोखे हस्तकला, शिल्प कला के एक से एक नमूने मिलेंगे।

छत्तीसगढ़ के विविध रंग यहाँ जीवंत हैं

पुरखौती मुक्तांगन (6)

यहाँ आपको मिलेगा छत्तीसगढ़ के बस्तर के चित्रकोट जलप्रपात, माता दंतेश्वरी मंदिर का मॉडल, भोरमदेव मंदिर की प्रतिमा, और लोक नृत्य जैसे पंथी, सुआ, राउत नृत्य के मूर्तियां।

इन सभी कलाकृतियों और मॉडल्स को देखकर आपको लगेगा जैसे छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत आपके सामने जीवित हो उठी हो। छोटे-छोटे गांव, झोपड़ी, खेत-खलिहान, लोक वेशभूषा, खानपान तक की झलक यहां बखूबी देखी जा सकती है।

एक खुला संग्रहालय, जहां कला और प्रकृति का संगम

पुरखौती मुक्तांगन (5)

पुरखौती मुक्तांगन लगभग 200 एकड़ में फैला हुआ है। यहां प्राकृतिक झरने, बगीचे, आंगन, और कलाकारों के लिए विशेष कार्यशालाएं भी उपलब्ध हैं।

परंतु, सच कहें तो इस खूबसूरत जगह को समय के साथ कुछ देखभाल और संरक्षण की जरूरत है। कई मूर्तियां टूटी-फूटी नजर आती हैं और सुविधाओं का अभाव भी महसूस होता है।

लेकिन यहाँ की आत्मा अभी भी जिंदा है, क्योंकि हर कोना छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक कहानी कहता है।

आदिवासी संस्कृति के दिल की बात

पुरखौती मुक्तांगन (4)

माना जाता है कि छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी धरोहर उसकी आदिवासी सभ्यता है। पुरखौती मुक्तांगन में आपको अलग-अलग जनजातियों के घर, उनकी लोक कला, नृत्य, और त्योहारों की झलक देखने को मिलेगी।

यहाँ की ढोकरा कला, जो कि खोई हुई मोम तकनीक से बनी है, और गोदना कला के नमूने अद्भुत हैं। यह सभी कलाएं आदिवासियों की जीवनशैली की गहराई में जाने का मौका देती हैं।

मनोरंजन भी है, और आराम भी है।

पुरखौती मुक्तांगन (3)

यहाँ बच्चों के लिए झूले, मनोरंजन के कई साधन, फव्वारे, और रंगीन रोशनी के लिए फ्लूड लाइट के साथ छत्तीसगढ़ हाट भी हैं।

इसके अलावा, रेस्टोरेंट और स्नैक्स की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं, जिससे परिवार के साथ घूमने आना और भी आरामदायक बन जाता है।

पुरखौती मुक्तांगन में आए दिन फिल्म शूटिंग भी होती है!

पुरखौती मुक्तांगन (1)

यहाँ की संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता के कारण कई बार फिल्मों और डॉक्यूमेंट्री की शूटिंग भी होती है। अगर आप भी सिनेमा प्रेमी हैं तो यहाँ आकर शायद आपको कुछ खास नजारा देखने को मिल जाए।

पुरखौती मुक्तांगन के सामने चुनौती

पुरखौती मुक्तांगन (2)

बात करें जमीनी हालात की, तो यहां पर मेंटेनेंस की कमी साफ दिखाई देती है।

कई मूर्तियां टूटी-फूटी हैं।

पानी पीने की सुविधा लगभग न के बराबर है।

कृत्रिम झरना सूख चुका है।

तालाब में पानी नहीं भरा।

फिर भी, स्थानीय प्रशासन ने कुछ सुधार कार्य शुरू कर दिए हैं, जो जल्द ही इसे फिर से जीवंत बनाएंगे।

पुरखौती मुक्तांगन कैसे पहुंचे?

सड़क मार्ग: रायपुर से लगभग 20 किलोमीटर दूर, उपरवारा गांव में।रेल मार्ग: रायपुर रेलवे स्टेशन से टैक्सी लेकर आसानी से पहुंच सकते हैं।

पुरखौती मुक्तांगन क्यों जाएं?

छत्तीसगढ़ की समृद्ध और विविध संस्कृति का अनूठा अनुभव।

परिवार और बच्चों के साथ एक ज्ञानवर्धक और मनोरंजक दिन।

आदिवासी जीवन, कला, और परंपराओं को करीब से जानने का मौका।

प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर का संगम।

अंत में एक नजर

पुरखौती मुक्तांगन सिर्फ एक पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक आत्मा का जीवंत रूप है। यह हमें याद दिलाता है कि हमारी विरासत कितनी समृद्ध और अनमोल है। अगर आप छत्तीसगढ़ की असली संस्कृति को समझना चाहते हैं, तो पुरखौती मुक्तांगन की सैर करना आपके लिए एक यादगार अनुभव होगा।

🔍 पुरखौती मुक्तांगन के पास घूमने लायक 5 प्रमुख पर्यटन स्थल (Nearest Tourist Places)

1. Nandan Van Zoo & Safari, Naya Raipur

Distance: लगभग 12 km
Highlights: टाइगर सफारी, बायोलॉजिकल पार्क, बच्चों के लिए खास आकर्षण।

2. Urja Park, Raipur

Distance: लगभग 18 km
Highlights: सोलर एनर्जी पर आधारित पार्क, बच्चों और फैमिली के लिए उपयुक्त।

3. MM Fun City, Raipur

Distance: लगभग 22 km
Highlights: वाटर पार्क, वेव पूल, स्लाइड्स, फैमिली डे आउट के लिए परफेक्ट।

4. Ghatarani Waterfall & Temple

Distance: लगभग 60 km
Highlights: प्राकृतिक झरना, मां दुर्गा का मंदिर, मानसून के मौसम में आदर्श।
दिलचस्प और विस्तृत जनकारी पाने के लिए यह ब्लॉग पढ़ें – https://suchnamitra.com/%e0%a4%98%e0%a4%9f%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%9c%e0%a4%b2%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%a4-ghatarani-waterfall-gariyaband-cg/

5. Buddha Talab (Vivekanand Sarovar), Raipur

Distance: लगभग 20 km
Highlights: विवेकानंद की विशाल मूर्ति, लेक व्यू, बोटिंग, शांत वातावरण।

❓ पुरखौती मुक्तांगन FAQs (Frequently Asked Questions)

❓ पुरखौती मुक्तांगन कहां स्थित है?

उत्तर: पुरखौती मुक्तांगन छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगभग 20 किलोमीटर दूर नया रायपुर के उपरवारा गांव में स्थित है।

❓ पुरखौती मुक्तांगन का टिकट प्राइस कितना है?

उत्तर: 3 से 12 वर्ष के बच्चों के लिए टिकट ₹20, और वयस्कों के लिए ₹30 है। कैमरा चार्ज ₹100 और प्री-वेडिंग शूटिंग ₹2000 है।

❓ क्या पुरखौती मुक्तांगन में कैमरा या वीडियो शूटिंग की अनुमति है?

उत्तर: हाँ, व्यक्तिगत और डॉक्यूमेंट्री/यूट्यूब शूटिंग के लिए कोई शुल्क नहीं है। प्री-वेडिंग शूटिंग के लिए ₹2000 शुल्क है। अनापत्ति प्रमाण पत्र की ऑनलाइन सुविधा भी उपलब्ध है।

❓ क्या पुरखौती मुक्तांगन सोमवार को खुला रहता है?

उत्तर: नहीं, सोमवार को पुरखौती मुक्तांगन बंद रहता है। साथ ही, इस दिन वाहनों का प्रवेश भी वर्जित होता है।

❓ पुरखौती मुक्तांगन का मुख्य आकर्षण क्या है?

उत्तर: यहाँ छत्तीसगढ़ की जनजातीय संस्कृति, लोक नृत्य की प्रतिमाएं, पारंपरिक आदिवासी घर, डोकरा कला, गोदना टैटू डिज़ाइन, और प्राकृतिक झरने जैसे कई आकर्षण हैं। यह एक जीवंत ओपन म्यूज़ियम है।

❓ क्या पुरखौती मुक्तांगन में खाने-पीने की सुविधा उपलब्ध है?

उत्तर: जी हाँ, परिसर के बाहर रेस्टोरेंट और नाश्ते की दुकानें मौजूद हैं। हालांकि, अंदर पीने के पानी की सुविधा फिलहाल सीमित है।

❓ पुरखौती मुक्तांगन जाने का सबसे अच्छा समय कौन-सा है?

उत्तर: अक्टूबर से फरवरी के बीच का समय सबसे बेहतर है, जब मौसम सुहावना रहता है और आप बाहर के वातावरण का भरपूर आनंद ले सकते हैं।

❓ क्या यह स्थान बच्चों के लिए उपयुक्त है?

उत्तर: बिल्कुल! यहाँ बच्चों के लिए झूले, खुला मैदान, संस्कृति से जुड़ी जानकारी और कला की समझ देने वाले कई इंटरैक्टिव मॉडल्स हैं।

CG Tourism Tags:#छत्तीसगढ़ #पुरखौती मुक्तांगन #आदिवासीसंस्कृति #रायपुर #लोककला #टूरिज्म #सांस्कृतिकधरोहर

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