
🌸 गंगा मैया (Ganga Maiya) मंदिर, झलमला – श्रद्धा, चमत्कार और आस्था का संगम

Ganga Maiya मंदिर, झलमला Table of Contents

छत्तीसगढ़ के हरे-भरे बालोद ज़िले में स्थित गांव झलमला में एक ऐसा मंदिर है, जो केवल एक धार्मिक स्थल नहीं बल्कि आस्था की जीवित मिसाल है। गंगा मैया मंदिर न केवल देवी गंगा की पूजा का केंद्र है, बल्कि 130 साल पुरानी एक चमत्कारिक घटना का प्रतीक भी है, जिसे आज भी लोग भावुकता से याद करते हैं।

यह मंदिर सिर्फ ईंट-पत्थर का ढांचा नहीं, बल्कि हर साल लाखों लोगों की आस्था, उम्मीद और श्रद्धा का केंद्र बनता है। खासकर नवरात्रि में तो जैसे यहाँ धरती पर स्वर्ग उतर आता है।
🕉️ गंगा मैया(Ganga Maiya) मंदिर का चमत्कारी इतिहास – जब जाल में फंसी देवी की मूर्ति

मंदिर की कहानी 1890 के दशक से शुरू होती है, जब तांदुला नदी के किनारे बांधा तालाब खुदाई के दौरान, एक मछुआरे को जाल में मछली की जगह एक पत्थर की प्रतिमा मिली। मछुआरा उसे साधारण पत्थर समझकर पानी में फेंकता रहा, लेकिन बार-बार वही मूर्ति उसके जाल में फँस जाती।
वहीं, एक रात गाँव के गोंड़ जाति के बैगा को सपना आया जिसमें देवी ने कहा – “मैं पानी में पड़ी हूँ, मुझे बाहर निकालकर प्रतिष्ठित करो।”

यह सपना सिर्फ सपना नहीं, एक ईश्वरीय संकेत था। जब अगली सुबह बैगा ने गाँव के मालगुज़ार और अन्य ग्रामीणों को बताया, तो सभी ने मिलकर फिर से जाल डाला और वही प्रतिमा पुनः प्राप्त हुई।
⛩️ मंदिर निर्माण की शुरुआत – झोपड़ी से भव्य मंदिर तक

शुरुआत में भीकम चंद तिवारी नामक स्थानीय निवासी ने एक झोपड़ी में प्रतिमा की स्थापना कर दी। यह स्थान धीरे-धीरे पूजा-पाठ और भक्ति का केंद्र बनने लगा।
समय बीतने के साथ भक्तों ने दान और सहयोग से एक भव्य मंदिर का निर्माण करवाया, जो आज गंगा मैया मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है।
अंग्रेजों के सामने भी झुकी आस्था
मंदिर की मूर्ति को अंग्रेज शासक एडम स्मिथ ने नहर निर्माण के दौरान हटवाना चाहा, लेकिन लाख प्रयासों के बाद भी मूर्ति अपनी जगह से टस से मस नहीं हुई।
इस चमत्कार को देखकर अंग्रेजों ने हार मान ली, और तब से यह स्थान और भी आध्यात्मिक महत्ता प्राप्त कर गया।
🔥 नवरात्रि: आस्था का महापर्व
हर साल चैत्र और क्वार नवरात्रि में यहां 900+ ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किए जाते हैं। भक्त मनोकामना ज्योति जलाकर देवी से अपनी मनोकामना माँगते हैं और मानते हैं कि सच्चे मन से माँगी गई हर मुराद यहाँ पूरी होती है।
🪔 क्या होता है मनोकामना ज्योति कलश?
यह एक विशेष दीप होता है, जिसे भक्त 9 दिनों तक प्रज्ज्वलित रखते हैं। कहा जाता है कि
“जिसने गंगा मैया के दरबार में मनोकामना ज्योति जलाई, उसकी हर इच्छा पूर्ण हुई।”
🫱🫲 मंदिर परिसर में सेवा और आयोजन

गंगा मैया मंदिर सिर्फ पूजा का स्थान नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक केंद्र है। यहाँ साल भर:
• भजन-कीर्तन
• चिकित्सा शिविर
• भंडारा सेवा
• पारंपरिक मेले
आयोजित होते रहते हैं।
नवरात्रि में दाल-भात सेवा, पूड़ी-सब्ज़ी सेवा जैसे भोग-प्रसाद न्यूनतम दरों पर मिलते हैं ताकि कोई भूखा न लौटे।
👣 गंगा मैया मंदिर, झलमला छत्तीसगढ़ यात्रा और पहुंच मार्ग
गंगा मैया मंदिर, झलमला छत्तीसगढ़ के बालोद जिला मुख्यालय से मात्र 3 किमी दूर है और दुर्ग रोड पर स्थित है। यहाँ तक पहुँचना बहुत आसान है।
✈️ वायुमार्ग:
रायपुर एयरपोर्ट (105 किमी)
🚉 रेल मार्ग:
• दुर्ग रेलवे स्टेशन – 50 किमी
• बालोद रेलवे स्टेशन – 20 किमी
🛣️ सड़क मार्ग:
राज्य के सभी शहरों से सीधा जुड़ा हुआ। सीएसआरटीसी की बसें और निजी वाहन आसानी से उपलब्ध हैं
❤️ माँ गंगा मैया – श्रद्धा की जीवित प्रतिमा
गांव की सीमा, धीरज, छन्नू साहू जैसे कई भक्तों की कहानियाँ हैं जिन्होंने यहाँ आकर अपनी मुरादें पूरी होते देखी हैं।
कोई संतान सुख पाता है, कोई नौकरी, कोई आरोग्यता, तो कोई जीवनसाथी।
यहाँ के हर पत्थर में भक्ति की ऊर्जा है, और हर दीप में आशा की लौ।
🎉 नवरात्रि का विशाल मेला और सांस्कृतिक रंग
नवरात्रि के दौरान झलमला में विशाल मेला लगता है, जिसमें लोकनृत्य, रामायण-पाठ, भागवत कथा और भव्य आरती होती है। यहाँ आकर लगता है कि संस्कृति, धर्म और परंपरा एक जगह सजीव हो उठी है।
🙏 अंत में – माँ गंगा मैया का एक संदेश
“यदि श्रद्धा सच्ची हो, तो गंगा मैया हर जाल में आती हैं, हर दिल में उतर जाती हैं और हर पीड़ा को बहा ले जाती हैं।”
यदि आप कभी छत्तीसगढ़ आएँ, तो गंगा मैया मंदिर, झलमला को अपनी सूची में ज़रूर रखें। यह न सिर्फ आपकी भक्ति की प्यास को शांत करेगा, बल्कि मन को एक अनोखी शांति से भर देगा।
🔱 गंगा मैया मंदिर – आस्था की अनुभूति झलमला में

छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के झलमला गांव में स्थित गंगा मैया मंदिर छत्तीसगढ़ में देवपूजा और श्रद्धा का एक जीवंत केंद्र है। इसकी शुरुआत एक साधारण झोपड़ी और एक चमत्कारी प्रतिमा तक सिमटकर अब यहाँ विशाल नवरात्र मेलों और ज्योति कलश अनुष्ठानों तक पहुंच गई है।
मूल कथा में एक मछुआरे के जाल में बार बार फंसने वाली मूर्ति, एक बैगा को प्राप्त दिव्य सपना, व अंग्रेजों की चुका देनेवाली नाकाम कोशिशें — यह सब मिलकर 120 135 साल पुरानी एक चमत्कारी आस्था की कहानी बन जाती है
नवरात्रि के दौरान यहाँ जलायी जाने वाली मनोकामना ज्योति कलश की संख्या 800 900 से ऊपर होती है, भक्त नंगे पांव दूर-दराज से आते हैं और पूजा के साथ सेवा एवं भंडारे का आयोजन भी होता है

🔎 गंगा मैया मंदिर के आसपास घूमने लायक जगहें (Balod + आसपास 30–50 किमी)
🏞️ 1. Tandula Dam (5 किमी)
• शांत जलाशय, बोटिंग, पिकनिक स्थल
• सूर्यास्त के मनोरम दृश्य
• पास में रेस्टहाउस और Sua Resort
🏕️ 2. Siya Devi Temple & Waterfall (20–25 किमी)
• प्राकृतिक गुफा मंदिर, रामायण कालीन कथा से जुड़ा
• झरने और घने जंगलों से घिरा हुआ
इससे सम्बंधित अधिक जानकारी अवं दिलचस्प ब्लॉग पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक –https://suchnamitra.com/?s=siyadevi
🧘 3. Dalli Rajhara (~30 किमी)
• खनिज नगरी, पहाड़ी दृश्यों के लिए प्रसिद्ध
• लोहा खदान और रेलवे का सुंदर दृश्य
🌅 4. Gangrel Dam (Dhamtari) (~48–50 किमी)
• “Mini Goa” कहा जाता है
• वॉटर स्पोर्ट्स, क्रूज़, आर्टिफिशियल बीच
इससे सम्बंधित अधिक जानकारी अवं दिलचस्प ब्लॉग पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक –https://suchnamitra.com/gangrel-dam-dhamtari-chhattisgarh-mini-goa-cg/
✅ FAQs: Ganga Maiya Mandir Jhalmala, Balod
❓1. गंगा मैया मंदिर झलमला कहां स्थित है?(Ganga Maiya Mandir location, Ganga Maiya Jhalmala Balod)
उत्तर: गंगा मैया मंदिर छत्तीसगढ़ राज्य के बालोद जिले में, झलमला गांव में स्थित है। यह मंदिर बालोद शहर से लगभग 4–5 किमी की दूरी पर स्थित है और धार्मिक श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है।
❓2. गंगा मैया मंदिर की खासियत क्या है? (Ganga Maiya Temple History, Specialty of Ganga Maiya Jhalmala)
उत्तर: गंगा मैया मंदिर की मान्यता है कि यहां देवी स्वयं प्रकट हुई थीं। यहाँ हर साल श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ती है, विशेषकर नवरात्रि और मेला उत्सव के समय।
❓3. गंगा मैया मंदिर कैसे पहुंचें? (How to reach Ganga Maiya Mandir, Nearest city to Ganga Maiya Balod)
उत्तर: गंगा मैया मंदिर सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है। निकटतम शहर बालोद है, जो रायपुर से लगभग 90 किमी और दुर्ग से 45 किमी की दूरी पर है। रायपुर और दुर्ग से बस या टैक्सी उपलब्ध हैं।
❓4. गंगा मैया मंदिर के पास कौन-कौन से घूमने लायक स्थान हैं? (Tourist places near Ganga Maiya Temple, Balod tourist spots)
उत्तर: गंगा मैया मंदिर के पास घूमने के लिए Tandula Dam, Siya Devi Waterfall, Gondli Dam, और Gauraiya Dham जैसे दर्शनीय स्थल मौजूद हैं। ये सभी जगहें मंदिर से 10–30 किमी के दायरे में स्थित हैं।
❓5. गंगा मैया मंदिर दर्शन के लिए सबसे अच्छा समय कौन-सा है?(Best time to visit Ganga Maiya Temple, Ganga Maiya Mandir festival time)
उत्तर: गंगा मैया मंदिर दर्शन के लिए नवरात्रि, शारदीय मेला, और सर्दियों (अक्टूबर से फरवरी) का समय सबसे अच्छा होता है। इस दौरान मौसम सुहावना होता है और धार्मिक आयोजन भी होते हैं।
