

जतमई माता मंदिर छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में स्थित है, जो कि राजधानी रायपुर से लगभ 85 किमी की दूरी पर स्थित है यह मंदिर माँ दुर्गा के अवतार माता जतमई को समर्पित है और प्रकृति की गोद में बसे इस स्थान को देखकर किसी भी भक्त या पर्यटक का मन मंत्रमुग्ध हो जाता है झनों के बीच बना यह मंदिर ना केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि एक खूबसूरत पिकनिक स्पॉट और एडवेंचर ट्रैकिंग डेस्टिनेशन भी है।
जतमई माता मंदिर का प्राकृतिक सौंदर्य और झरने
इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि मंदिर के पास बहने वाली जलधारा माता के चरणों को स्पर्श करते हुए चट्टानों से नीचे गिरती है। लोक मान्यताओं के अनुसार, ये जलधाराएं माता की सेविकाएं मानी जाती हैं। मॉनसून के मौसम में झरना पूरी रफ्तार में बहता है, जो मंदिर की सुंदरता को कई गुना बढ़ा देता है। मंदिर परिसर हरे-भरे जंगलों से घिरा हुआ है, जो इसे एक प्राकृतिक योग और मेडिटेशन स्थल भी बनाता है।
जतमई माता मंदिर की वास्तुकला (Architecture of Jatmai Temple)
यह भव्य मंदिर ग्रेनाइट पत्थरों से निर्मित है। मंदिर में एक बड़ा शिखर (टॉवर) और कई छोटे छोटे शिखर हैं, जो इसे अत्यंत आकर्षक बनाते हैं। मुख्य द्वार के ऊपर पौराणिक कथाओं से जुड़ी भित्ति चित्रकारी है, जो भारतीय संस्कृति की समृद्ध परंपरा को दर्शाती है। मंदिर के गर्भगृह में माँ जतमई पाषाण मूर्ति स्थापित है। साथ ही मंदिर परिसर में भगवान हनुमान की एक भव्य प्रतिमा, जिसमें वे श्रीराम और लक्ष्मण को अपने कंधों पर उठाए हुए हैं, विशेष रूप से दर्शनीय है।
Hanuman Temple in Jatmai
जतमई माता मंदिर का धार्मिक महत्व और आस्था
नवरात्रि के अवसर पर चैत्र और कुँवार मास में यहाँ विशाल मेला (Fair) आयोजित होता है। यह मेला आसपास के जिलों से हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। यह मंदिर दिव्य स्त्री शक्ति का प्रतीक माना जाता है और यहाँ भक्त शांति, ऊर्जा और आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए आते हैं।
जतमई माता मंदिर का ट्रेक और एडवेंचर
अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं और थोड़े से एडवेंचर के शौकीन हैं, तो जतमई मंदिर तक का 1 किमी का छोटा ट्रेक आपके लिए आदर्श है। झरने के आसपास ट्रेकिंग, जंगल में सैर, और प्राकृतिक पूल में स्नान – यह सब मिलकर इसे एक आउटडोर एडवेंचर और धार्मिक यात्रा का परफेक्ट कॉम्बिनेशन बनाते हैं।

जतमई माता मंदिर के निकटतम आकर्षण –
घटारानी मंदिर
जतमई मंदिर से मात्र 8 किमी की दूरी पर स्थित है घटारानी मंदिर, जो एक और प्रसिद्ध वाटरफॉल मंदिर है। यहाँ भी नवरात्रि में विशेष उत्सव, झरने और ट्रेकिंग का अनुभव लिया जा सकता है। दोनों मंदिरों की यात्रा एक ही दिन में की जा सकती है, जिससे आपकी ट्रिप और भी यादगार बन जाएगी।
जतमई माता मंदिर कैसे पहुँचें (How to Reach
Jatmai Temple)
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- हवाई मार्ग (By Air): नजदीकी हवाई अड्डा
- स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट
- रायपुर (76 किमी) दूर है।
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- रेल मार्ग (By Rail): नजदीकी रेलवे स्टेशन रायपुर
- जंक्शन (85 किमी) है।
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- सड़क मार्ग (By Road): रायपुर से कैब या बस
- आसानी से उपलब्ध हैं। रास्ता सुंदर जंगलों से होकर गुजरता है।
मंदिर के दर्शन और आरती समय
(Temple Timings)
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- मंदिर प्रतिदिन सुबह 5:00 AM से शाम 7:00 PM तक खुला रहता है।
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- आरती का समय: सुबह 5:30 AM और शाम 6:30 PM
जतमई मंदिर घूमने का सही समय (Best Time to Visit)
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- मॉनसून (जुलाई–सितंबर): जब झरना पूरे प्रवाह में होता है – सबसे सुंदर दृश्य इसी समय दिखता है।
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- सर्दी और वसंत (अक्टूबर से मार्च):
- ट्रेकिंग और घूमने के लिए भी बेहतरीन समय।
इतिहास और मान्यता (History & Beliefs)
एक लोकप्रिय कथा के अनुसार, इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग को कुछ मछुआरे अपने साथ ले जाना चाहते थे। लेकिन जैसे -जैसे उन्होंने खुदाई की , शिवलिंग ज़मीन में और गहराई तक जाता गया। अंततः , वे हार मानकर शिवलिंग वहीं छोड़ गए। यह आज भी मंदिर परिसर में मौजूद है और श्रद्धा का केंद्र है।
अंतिम सुझाव (Final Thoughts & Travel Tips)
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- एक दिन की फैमिली ट्रिप या दोस्तों के
- साथ एडवेंचर के लिए जतमई
- माता मंदिर एक परफेक्ट डेस्टिनेशन है।
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- साथ में घटारानी मंदिर की यात्रा जरूर शामिल करें।
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- प्लास्टिक का उपयोग न करें, क्षेत्र को स्वच्छ रखें।
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- यदि आप फोटोग्राफी पसंद करते हैं, तो यहां की हरियाली, झरना और मंदिर का दृश्य आपके कैमरे को जरूर पसंद आएगा।
निष्कर्ष
(Conclusion)
जतमई माता मंदिर, छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम है। यह स्थान ना सिर्फ़ माँ दुर्गा के भक्तों के लिए पवित्र स्थल है, बल्कि ट्रैवल लवर्स के लिए भी एक आदर्श डेस्टिनेशन है। अगर आप जीवन की भागदौड़ से कुछ पल सुकून के बिताना चाहते हैं, तो एक बार जतमई मंदिर की यात्रा अवश्य करें।
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