
धमतरी का बिलाई माता मंदिर | Vindhyavasini Mandir का इतिहास, चमत्कार और यात्रा गाइड

- 🔖 SuchnaMitra की आस्था-लोक श्रृंखला में आज: बिलाई माता मंदिर
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छत्तीसगढ़ की पवित्र भूमि पर बसा धमतरी का बिलाई माता मंदिर, जिसे विंध्यवासिनी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह एक जीवित किंवदंती, परंपरा का केंद्र, और चमत्कारों का गवाह भी है। 600 वर्षों से यहां भक्तों की आस्था की अखंड ज्योत जल रही है।
इस मंदिर की खास बात ये है कि यहां देवी की प्रतिमा स्वयंभू रूप में पृथ्वी से ऊपर उठी और आज भी उस स्थिति को देखा जा सकता है। नवरात्रि में यहां हजारों नहीं, लाखों की संख्या में श्रद्धालु देश-विदेश से दर्शन करने आते हैं।
बिलाई माता मंदिर धमतरी: 600 वर्षों पुराना चमत्कारी Vindhyavasini Mandir

बिलाई मंदिर का रहस्यमयी इतिहास और उत्पत्ति की दो प्रमुख जनश्रुतियाँ
पहली जनश्रुति:
किंवदंती के अनुसार, कांकेर के राजा नरहरदेव शिकार पर निकले थे। घने जंगल में उनके घोड़े एक स्थान पर रुक गए, आगे बढ़ने से मना कर दिया। वहां उन्होंने एक काले पत्थर को देखा जिसके दोनों ओर भयानक बिल्लियाँ बैठी थीं। पत्थर निकालने का प्रयास किया गया, लेकिन वहां से जल की धार फूट पड़ी।
रात में राजा को देवी ने स्वप्न दिया कि वे स्वयं यहां विराजमान हैं और उन्हें वहां से हटाना व्यर्थ है। राजा ने तुरंत वहीं एक छोटा मंदिर बनवाया और पूजा प्रारंभ की।
दूसरी जनश्रुति
कुछ घसियारनें जंगल में घास काटने गई थीं। उन्हें एक काली शिला दिखी जिसके पास बिल्लियाँ थीं। अनजाने में उन्होंने उसी शिला पर अपने हंसिये धार किए। उसी रात घसियारे को स्वप्न में देवी ने दर्शन
बिलाई माता नाम क्यों पड़ा?

चूंकि सबसे पहले जंगली बिल्लियाँ उस शिला के समीप पाई गईं, और उन्होंने ही माता के प्रकट रूप की रक्षा की, इसलिए स्थानीय लोगों ने देवी को बिलाई माता कहना शुरू किया।
चमत्कारी ज्योत परंपरा और बलि प्रथा का अंत
- पहले मंदिर में केवल 4 ज्योतें जलती थीं, लेकिन समय के साथ 3,000 से अधिक मनोकामना ज्योतें यहां जलाई जाती हैं, केवल घृत ज्योति।
- नवरात्र में गर्भगृह में दो विशेष ज्योतें प्रज्वलित की जाती हैं।
- कभी यहां 108 बकरों की बलि दी जाती थी, जिसे पुजारी खिलौना महाराज और उनके परिवार ने 1938 में श्रद्धालुओं के सहयोग से बंद कर दिया। अब माता को एक जोड़ी कच्चा कद्दू (रखिया) में लाल रंग लगा कर अर्पित किया जाता है।
विंध्य वासिनि बिलाई माता की मूर्ति की विशेषताएं और स्थापत्य कला
- देवी की मूर्ति श्यामवर्णी काली शिला की बनी है जो स्वयं ज़मीन से ऊपर उठी है।
- पहले द्वार से दर्शन किए जाते थे, लेकिन अब प्रतिमा के तिरछे रूप में दर्शन होते हैं।
- मंदिर का मुख्य द्वार उत्तर की ओर है और यह लाल बलुआ पत्थर से बना है, जिसकी वास्तुकला 12वीं शताब्दी की प्रतीत होती है।
गर्भगृह में देवी विंध्यवासिनी की भव्य प्रतिमा सिंदूर और आभूषणों से सुसज्जित है।
🌿 बिलाई माता का बावली: आस्था और जल संरक्षण की अनूठी पहल

36 वर्षों बाद, मंदिर परिसर में स्थित 200 साल पुरानी बावली को पुनर्जीवित किया गया है।
- गंगा दशहरा के अवसर पर त्रिवेणी संगम, प्रयागराज और महानदी से लाए गए पवित्र जल से इसे भरा गया।
- यह बावली अब भक्तों के लिए पवित्र स्नान और जल स्रोत का केंद्र बन गई है।
- मंदिर ट्रस्ट ने इसे “जल संरक्षण अभियान“ से जोड़कर आस्था और पर्यावरण का सुंदर संगम प्रस्तुत किया है।
कैसे पहुंचे बिलाई माता मंदिर?
- यह मंदिर रायपुर से लगभग 80 किमी दूर धमतरी शहर के दक्षिणी छोर पर स्थित है।
- रायपुर से बस, टैक्सी या ट्रेन द्वारा आसानी से यहां पहुंचा जा सकता है।
- निकटतम रेलवे स्टेशन: धमतरी रेलवे स्टेशन
- निकटतम हवाई अड्डा: स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट, रायपुर
उत्सव और आयोजन: नवरात्रि में होता है विशेष आयोजन

- चैत्र और क्वांर नवरात्रि के अवसर पर यहां विशाल मेले जैसा माहौल और रात्रिकालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं।
- देश ही नहीं, विदेशों से भी श्रद्धालु यहां ज्योत जलाने आते हैं।
- नवरात्रि में देवी को 340 ग्राम सोने के मुकुट और छत्र से सजाया जाता है।
✨ बिलाई माता मंदिर से संबंधित धार्मिक मान्यताएं और अनुभव
- माना जाता है कि जो भक्त यहां सच्चे मन से दर्शन करने आते हैं, उनकी मनोकामनाएं अवश्य पूरी होती हैं।
- धमतरी के लगभग सभी नव विवाहित जोड़े यहां माता का आशीर्वाद लेकर अपने वैवाहिक जीवन की शुरुआत करते हैं।
मंदिर का शांत वातावरण, धूप-दीप की सुगंध और आध्यात्मिक ऊर्जा हर आगंतुक को मोह लेती है।
यात्रा सुझाव
- नवरात्रि में यात्रा करें, जब मंदिर का उत्सव और भक्ति चरम पर होती है।
- कैमरा, पानी की बोतल, टोपी/स्कार्फ साथ रखें।
- दर्शन से पहले मौसम की जानकारी अवश्य लें।
- मंदिर परिसर के पास स्थित अन्य पर्यटन स्थल भी घूम सकते हैं।
निष्कर्ष: आस्था, चमत्कार और संस्कृति का अद्भुत संगम
बिलाई माता मंदिर, केवल एक पूजा स्थल नहीं, बल्कि धमतरी की सांस्कृतिक विरासत, जनविश्वास का प्रतीक और प्राकृतिक, आध्यात्मिक एवं ऐतिहासिक तत्वों का अद्वितीय संगम है। यह मंदिर हर उस यात्री को बुलाता है जो चमत्कार, आस्था और आत्मिक शांति की खोज में है। क्योंकि किसी भी दर्शनीय स्थल को खास बनाती है उस स्थान के प्रति लोगों की सच्ची श्रद्धा, लोगों का अटूट विश्वास, लोगों का उस धार्मिक स्थल के प्रति लोगों का बढ़ चढ़ कर दर्शन करने आना, ये विंध्यवासिनी बिलाई माता का चमत्कार ही है, जो साल दर साल यहां मनोकामना ज्योत की संख्या बढ़ती जा रही है।
बिलाई माता मंदिर के नज़दीकी घूमने लायक स्थान (Top Tourist Places Near Dhamtari)
🌟 1. गंगरेल डैम (Ravishankar Sagar Reservoir / Gangrel Dam)
स्थान: महानदी पर स्थित
दूरी: धमतरी से ~12–15 किमी
विशेषताएं:
बोटिंग, वाटर स्पोर्ट्स
सुंदर सनसेट व्यू
रिज़ॉर्ट्स और पिकनिक स्पॉट
उपयुक्त मौसम: अक्टूबर से फरवरी
🛶 छत्तीसगढ़ का “मिनी गोवा” कहा जाता है!
विस्तृत जानकारी के लिए हमारा यह ब्लॉग अवश्य पढ़ें 👉👉https://suchnamitra.com/gangrel-dam-dhamtari-chhattisgarh-mini-goa-cg/
💦 2. नरहरा वॉटरफॉल (Narhara Waterfall)
दूरी: धमतरी से ~25–30 किमी
स्थान: धमतरी से कुकरैल फिर कोटरवही गांव की ओर
मुख्य आकर्षण:
ऊँचाई से गिरता प्राकृतिक झरना
मानसून में प्रचंड दृश्य
ट्रेकिंग और फोटोग्राफी स्पॉट
✅ रोमांच और प्राकृतिक सौंदर्य का शानदार मिलन।
विस्तृत जानकारी के लिए हमारा यह ब्लॉग अवश्य पढ़ें 👉👉https://suchnamitra.com/narhara-waterfall-dhamtari/
🏞️ 3. माड़मसिल्ली/मुरूम सिल्ली डैम (Madamsilli Dam)
दूरी: धमतरी से ~40 किमी
मुख्य आकर्षण:
एशिया का पहला मिट्टी से बना ग्रेविटी डैम (1914), एशिया का पहला सायफन बांध।
शांत वातावरण, झील, ग्रामीण दृश्य
बर्ड वॉचिंग और पिकनिक स्पॉट
✅ ऐतिहासिक + प्राकृतिक स्थल, फोटोजेनिक जगह।
विस्तृत जानकारी के लिए हमारा यह ब्लॉग अवश्य पढ़ें 👉👉https://suchnamitra.com/madamsilli-dam-dhamtari-siphon-dam/
💧 4. ओनाकोना (Onakona Temple)
दूरी: धमतरी से ~30–35 किमी
स्थान: धमतरी से NH 30 पर राजा राव पठार आदिवासी वीर मेला क्षेत्र
मुख्य आकर्षण:
ट्रेकिंग रूट, महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के रूप में मंदिर निर्माण
एकांत और शांत वातावरण, गंगरेल बांध का अंतिम छोर, समुद्र जैसा माहौल
मानसून में फुल फ्लो में बेहद खूबसूरत
✅ एडवेंचर लवर्स और ऑफबीट ट्रैवलर्स के लिए खास।
विस्तृत जानकारी के लिए हमारा यह ब्लॉग अवश्य पढ़ें 👉👉https://suchnamitra.com/ona-kona-mandir-gangrel-dam-chhattisgarh-tourism/
🏔️ 5. सिहावा पर्वत और महानदी उद्गम स्थल
दूरी: ~50 किमी
मुख्य आकर्षण:
महानदी का उद्गम
ऋषि श्रृंगी की तपोभूमि
ट्रेकिंग और मेडिटेशन स्पॉट
✅ प्रकृति प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग।
🛕 6. Gahandar Waterfall (गहंदर वॉटरफॉल)
दूरी: ~35 किमी
मुख्य आकर्षण:
सुंदर जलधारा, शांत माहौल, घना जंगल क्षेत्र।
मनमोहक हरियाली, एडवेंचर से भरपूर रास्ता।
✅अदभुत अनुभव और शांत वातावरण।
विस्तृत जानकारी के लिए हमारा यह ब्लॉग अवश्य पढ़ें 👉👉 https://suchnamitra.com/gahandar-waterfall-%e0%a4%9b%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a5%80%e0%a4%b8%e0%a4%97%e0%a4%a2%e0%a4%bc-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%9b%e0%a4%bf%e0%a4%aa%e0%a4%be-%e0%a4%b0%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%a8/